The Monkey and the Crocodile: A Fable of Betrayed Friendship from Panchatantra Stories.
Beware Sweet Talk: A clever monkey and a cunning crocodile reveal the red flags we still ignore today in a toxic friendship.

The Monkey and the Crocodile: A Fable of Betrayed Friendship

एक बार, एक घुमावदार नदी के गंदले पानी में एक मगरमच्छ रहता था। उसके दिन धूप से गर्म पत्थरों पर आलसी मुस्कान के साथ जबड़े फैलाकर बीतते थे। लेकिन आज, भूख उसके पेट में चुभ रही थी। वह धारा के साथ बहता गया, उसकी आँखें किनारे पर कुछ तलाशती रहीं—तभी उसने देखा कि एक बंदर जामुन के पेड़ की ऊँची डाल पर बैठा है, जिसकी शाखाएँ पक चुके, गहरे बैंगनी फलों से लदी थीं।

Once, in the murky waters of a winding river, lived a crocodile. His days were spent basking on sun-warmed rocks, jaws parted in a lazy grin. But today, hunger gnawed at his belly. He drifted along the current, eyes scanning the banks—until he spotted a monkey perched high in a jamun tree, its branches heavy with ripe, purple fruit.

“नमस्ते, बंदर!” मगरमच्छ ने चापलूसी भरी आवाज़ में पुकारा, “तुम कितने भाग्यशाली हो, इतने मीठे फल खा रहे हो! क्या एक भूखे प्राणी के लिए कुछ फल छोड़ोगे?”

बंदर थोड़ा सतर्क तो था, फिर भी उसने कुछ जामुन तोड़े और नीचे फेंक दिए। मगरमच्छ ने उन्हें लपक लिया और लाल रस से अपने दांत रंगते हुए चट कर गया। उसने इतना स्वादिष्ट फल कभी नहीं चखा था। “धन्यवाद!” वह बोला, और पानी में वापस खिसक गया।

"Ho, monkey!" the crocodile called, voice slick with false charm. "How lucky you are, dining on such sweetness! Would you spare a few for a starving soul?" The monkey, though wary, plucked a handful of jamuns and tossed them down. The crocodile devoured them, the juice staining his teeth. Never had he tasted anything so rich. "My thanks!" he said, slipping back into the water.

अगले दिन, मगरमच्छ फिर आया, और यह एक आदत बन गई। जल्दी ही, बंदर हर सुबह उसके लिए पके फल लेकर तैयार रहने लगा, और मगरमच्छ बातें करने के लिए ठहर जाता। वे मानसून की बारिश, रामचिरैयों और सुबह-सुबह नदी की चमकती लहरों के बारे में बातें करते। मगरमच्छ ने तो बंदर को अपनी पीठ पर बैठाकर नदी की सैर भी कराई। दोस्ती पनपने लगी—ऐसा बंदर को लगता था।

The next day, he returned once again, and it became a routine. Soon, the monkey greeted him with ripe fruit every morning, and the crocodile lingered to chat. They spoke of monsoon rains and kingfishers, of the way the river glittered at dawn. The crocodile even gave the monkey a ride on his back for a river trip. A friendship grew—or so the monkey thought.

एक सुबह, बंदर ने मगरमच्छ के लिए एक विशेष उपकार करने का सोचा। उसने मगरमच्छ के पंजों में अतिरिक्त जामुनों का ढेर लगा दिया। “अपने परिवार के लिए,” उसने कहा। “इस मिठास को बाँट लो, और अगर उन्हें और चाहिए, तो बस मुझे बताना—माँगने में संकोच मत करना।”

मगरमच्छ वो फल अपनी पत्नी के पास ले गया। उसने एक जामुन को दाँतों से काटा, आँखें संकुचित करती हुई। “ये तो बहुत स्वादिष्ट हैं,” उसने फुसफुसाते हुए कहा। “अपने बंदर दोस्त से कहना कि हमें और दे, और उसे मेरी तरफ से नमस्ते कहना मत भूलना।”

One morning, the monkey thought of doing an extra favour for the crocodile. The monkey piled extra jamuns into the crocodile’s claws. “For your family,” he said. “Share the sweetness, and if they ever want more, just let me know—don’t hesitate to ask.”

इस तरह, हर दिन बंदर मगरमच्छ को उसकी पत्नी के लिए अतिरिक्त जामुन देता रहा, और मगरमच्छ की पत्नी उन्हें बड़ी खुशी से खाती रही। लेकिन एक दिन, जब उसका पति घर पर नहीं था, उसकी मांसाहारी प्रवृत्ति हावी हो गई और उसके मन में एक बुरा विचार आया। उसने अपने जबड़े चाटे, उसकी आँखों में एक धीमी, भूखी चमक थी। “अगर फल इतना मीठा है… तो उस प्राणी का क्या जो हर दिन इन पर दावत करता है? मुझे उसका दिल पाने का एक तरीका खोजना होगा।”

और फिर, उसने एक क्रूर योजना बनाई…

शाम को, जब मगरमच्छ ढेर सारे जामुन लेकर अपनी पत्नी के पास पहुँचा, तो उसके होश उड़ गए। उसने जामुन पत्नी के सामने रखते हुए पूछा, “तुम्हें क्या हुआ, प्रिये? तुम बहुत थकी हुई लग रही हो।”

In the evening, when the crocodile returns with plenty of jamuns for his wife, he is in for a rude shock. He placed those jamuns near the mouth of his wife and said, "What is ailing you, my sweetheart? You look extremely exhausted.

मगरमच्छ की पत्नी ने बीमारी का नाटक करते हुए कहा, “मैं एक अजीब बीमारी से पीड़ित हूँ जो हम मगरमच्छों में कभी देखी ही नहीं गई। इस अनोखे रोग से मेरे बचने का केवल एक ही इलाज है।”

मगरमच्छ घबराए हुए बोला, “तुम चिंता मत करो, प्रिय। अगर मुझे तुम्हारे लिए ज़मीन पर चलकर अपनी जान जोखिम में डालनी पड़े, तो भी मैं तैयार हूँ। बस मुझे बताओ कि इलाज क्या है, मैं उसे पूरा कर दूँगा।”

मगरमच्छ की पत्नी, अपने पति को बेवकूफ बनाने में सफल होकर, करुण स्वर में बोली, “इस अचानक हुई और अवांछित बीमारी का इलाज केवल उस बंदर का दिल है जो ढेर सारे जामुन खाता हो – और तुम्हारा बंदर दोस्त तो निश्चित ही बहुत सारे जामुन खाता है।”

मगरमच्छ पीछे हट गया। “पर…पर वह तो मेरा दोस्त है! उसने हम पर इतना उपकार किया है! मैं ऐसा नहीं कर सकता। आखिरकार, वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। तुम्हें ठीक करने का कोई और तरीका जरूर होगा।”

मगरमच्छ की पत्नी ने, उसके दोस्त के प्रति चिंता को समझने का नाटक करते हुए, चालाकी से जवाब दिया, “मैं तुम्हारी दुविधा समझती हूँ, पर अगर यह मेरे जीवन-मरण का सवाल न होता तो मैं कभी तुम्हारे सबसे अच्छे दोस्त का दिल न माँगती। दुर्भाग्य से, तुम्हारे बंदर दोस्त का दिल ही मेरी एकमात्र दवा है।”

The crocodile’s wife, pretending to understand his concern for his friend, cleverly replied, “I understand your dilemma, but I would never ask for your best friend’s heart if it weren’t about my survival. Unfortunately, your monkey friend’s heart is the only cure for me.”

मगरमच्छ ने कहा, “कृपया, भगवान के लिए, मुझे ऐसा पाप करने के लिए मजबूर मत करो। मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूँ, सिवाय इसके।”

मगरमच्छ की पत्नी, शांत परंतु चालाकी से बोली, “तो फिर मुझे शांति से मरने दो। मेरी याद में तुम हर दिन ताज़े जामुन खाते रहना, जो तुम्हारा बंदर दोस्त तुम्हें देता है।”

मगरमच्छ ने गहरी सांस लेते हुए कहा, “ऐसी बेकार बातें मत करो। मैं तुम्हें मरने नहीं दे सकता, क्योंकि मैं तुम्हें दिल से बहुत प्यार करता हूँ।”

वह उसके चारों ओर लिपट गई, ज़हर टपकती आवाज़ में बोली, “तो साबित करो कि तुम मुझे ज़्यादा प्यार करते हो। ले आओ उसका दिल।”

एक पल के लिए मगरमच्छ के जबड़े कस गए। लेकिन उसकी पत्नी की सिसकियाँ उसके दिमाग में गूंजने लगीं।

विश्वासघात

अगली सुबह, मगरमच्छ की मुस्कान बहुत ज़्यादा चौड़ी थी। “प्रिय मित्र,” उसने कहा, “मेरी पत्नी तुम्हें दोपहर के भोजन पर हमारे घर आने का आग्रह कर रही है। चलो, मेरे साथ!”

The Betrayal The next morning, the crocodile’s smile was too wide. "Dear friend," he said, "my wife insists you join us for lunch. Come to my home!"

बंदर ने हिचकिचाते हुए कहा, “लेकिन मैं तो तैर नहीं सकता।”

“मेरी पीठ पर सवार हो जाओ!” मगरमच्छ ने कहा।

नदी के बीचों-बीच पहुँचते ही मगरमच्छ पानी में और गहरा डूबने लगा। घबराया हुआ बंदर अपने दोस्त को चेतावनी देते हुए बोला, “प्रिय मित्र, अगर तुम एक इंच और नीचे गए तो शायद मैं आज के बाद जिंदा न रह पाऊँ—तुम्हारी पत्नी के कहे हुए भोजन की बात तो छोड़ ही दो।”

“मुझे माफ़ करना, मेरे दोस्त,” मगरमच्छ बुदबुदाया, “लेकिन मेरी पत्नी को तुम्हारे दिल की ज़रूरत है, क्योंकि वही उसे उस भयानक, जानलेवा बीमारी से बचाने का एकमात्र तरीका है।”

“Forgive me, my friend,” the crocodile muttered, “but my wife needs your heart, as it is the only way to save her from that wretched, life-threatening illness.”

खतरे को भाँपते हुए बंदर का दिल धड़कने लगा—लेकिन उसकी आवाज़ हल्की और शांत बनी रही।

बंदर ने मगरमच्छ की धोखेबाजी समझते हुए झट से कहा, “अरे मेरे भोले दोस्त! यह बात तुमने पहले ही क्यों नहीं बताई? क्या तुम्हें नहीं पता? बंदर का दिल इतना कीमती होता है कि हम उसे हमेशा साथ नहीं रखते! मेरा दिल तो मेरे जामुन के पेड़ की एक डाली में सुरक्षित छुपा हुआ है। चलो वापस चलते हैं, मैं तुम्हें वहीं से लाकर देता हूँ।”

लालची और भोले मगरमच्छ ने तुरंत किनारे की ओर तेज़ी से तैरना शुरू कर दिया। जैसे ही उसका पेट कीचड़ से टकराया, बंदर एक छलाँग में ज़मीन पर कूद गया। उसकी हँसी काँटों की तरह चुभती हुई गूँजी।

The crocodile, greedy and gullible, surged toward the shore. The moment his belly scraped the mud, the monkey vaulted onto land, his laughter sharp as thorns.

“एक बेवकूफ हमेशा बेवकूफ ही रहता है,” उसने कहा। “क्या तुम्हें अपनी ही पत्नी की कपटी साज़िश समझ नहीं आई? उससे कहना कि यहाँ सबसे स्वादिष्ट चीज़ मेरी बुद्धि है, जिसे न तो वह चख पाएगी, न निगल पाएगी! और रही हमारी दोस्ती, तो वह खत्म हो गई!” 🐊💔🐒

मगरमच्छ शर्मिंदा होकर चुपचाप लौट गया, नदी की काई की तरह शर्म उसके शरीर से चिपकी रही।

सीख: “चतुर दिमाग निर्दयी दिल को मात देता है—और एक समझदार दोस्त हजार झूठे दोस्तों से बेहतर है। बुद्धि हमेशा बल से श्रेष्ठ होती है।” 🐒💡

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