She-Mouse Girl from https://bedtimestoriesforall.com/

Indian Folktale: The Hermit, the Mouse-Maiden, and the Lesson on True Nature

गंगा किनारे का दयालु सन्यासी

बहुत समय पहले की बात है। गंगा नदी के तट पर एक साधु रहते थे। वह स्वभाव से बहुत दयालु थे। साधु प्रतिदिन सुबह स्नान के लिए गंगा नदी पर जाते थे। फिर वे अपनी हथेली पर थोड़ा पानी लेते थे और उस पर कुछ पवित्र श्लोकों का उच्चारण करके उसे पी लेते थे। इसे ही हम भारत में “आचमन” कहते हैं।

बेबी माउस की बचाव कहानी

एक दिन साधु ने आचमन के लिए अपनी हथेली पर पानी डाला ही था कि एक छोटी-सी चुहिया उनकी हथेली पर आ गिरी। वह आकाश में उड़ते एक बाज के पंजे से फिसल गई थी।

Hermit with a She-mouse in his palm from bedtime stories for all

साधु बहुत दयालु था। उसने चुहिया को दुलार किया और उसे अपनी कुटिया में ले आया। साधु ने स्वयं से कहा, “मुझे इस छोटे से जीव के साथ क्या करना चाहिए? अगर मैं इसे खुला छोड़ दूँ, तो कोई शिकारी पक्षी इसे फिर से उठा ले जाएगा।”

तभी साधु की पत्नी कुटिया से बाहर आई। उसे देखकर साधु ने मन ही मन कहा, “वह एक बच्चा चाहती है। क्यों न मैं इस छोटी-सी चुहिया को एक बच्ची में बदल दूँ? वह इसे पाकर अत्यंत प्रसन्न होगी।”

जादुई रूपांतरण

ऐसा सोचकर साधु ने अपनी रहस्यमय शक्ति का प्रयोग किया और चुहिया को एक बच्ची में बदल दिया। फिर उसने अपनी पत्नी से कहा, “मेरी प्रिय! तुम अक्सर एक बच्चे की इच्छा व्यक्त करती हो। इसे ले लो और अपनी बेटी की तरह पालो।” साधु की पत्नी एक प्यारी-सी बेटी पाकर खुशी से फूली नहीं समा रही थी।

Hermit transforms a She-Mouse into a beautiful Baby Girl

उत्तम वर की खोज

उसने उस बच्ची को बड़े प्यार और देखभाल से पाला। समय के साथ वह लड़की बड़ी होकर अत्यंत आकर्षक बन गई। अब उसकी माँ अपनी बेटी की शादी किसी उपयुक्त लड़के से करने के लिए उत्सुक थी। उसने अपने पति से विनती की कि वे उनकी बेटी के लिए योग्य वर खोजें।

साधु ने सिर हिलाया और अपनी बेटी का विवाह किसी दिव्य व्यक्ति से करने का निश्चय किया। बहुत सोच-विचार के बाद, उन्होंने सूर्य-देवता का आह्वान किया और उनसे आग्रह किया कि वे उनकी बेटी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करें।

सूर्य देव का अस्वीकार

इसलिए, साधु ने सूर्य-भगवान का आह्वान किया और सूर्यदेव तुरंत उपस्थित हो गए। साधु ने हाथ जोड़कर निवेदन किया, “हे सूर्यदेव, मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि आप मेरी बेटी से विवाह करें। वह असाधारण रूप से आकर्षक, सुंदर और ईश्वर प्रदत्त है।” साधु की पत्नी और बेटी पूरी कार्यवाही देख रही थीं।

Appearance of the Sun-God in front of the hermit

इससे पहले कि सूर्यदेव कुछ कहें, लड़की फूट पड़ी, “नहीं, पिताजी! मैं उनसे शादी नहीं करूंगी। वह बहुत गर्म हैं। निश्चित रूप से वह मुझे जला कर राख कर देंगे।”

यह सुनकर सूर्यदेव वहाँ से जाने लगे। किंतु साधु ने उनसे अनुरोध किया, “कृपया उसके लिए कोई उपयुक्त वर सुझाइए, जिससे वह सुखपूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर सके।”

सूर्यदेव ने बादलों के देवता के बारे में बताते हुए कहा कि वे स्वभाव से शीतल हैं और उनमें मेरी तीव्र किरणों का सामना करने की भी शक्ति है। इतना कहकर सूर्यदेव अंतर्धान हो गए।

मेघ देव का अस्वीकार

अब साधु ने बादलों के देवता का आह्वान किया और वे साधु के सामने प्रकट हो गए। साधु ने हाथ जोड़कर कहा, “कृपया मेरी सुंदर और चतुर बेटी से विवाह करने की कृपा करें।”

Appearance of the Cloud-God in front of the hermit

लेकिन उसके नीले-काले रंग और टेढ़े-मेढ़े रूप के कारण लड़की को वह पसंद नहीं आया। इसलिए, बादल-देवता भी जाने को तैयार हो गए। साधु ने उनसे आग्रह किया कि वे उसकी बेटी के लिए कोई अन्य उपयुक्त वर सुझाएँ।

बादल-देवता ने साधु की बेटी के लिए एक आदर्श दूल्हे के रूप में पवन-देवता की सिफारिश की। उन्होंने आगे कहा, “वह मुझे कुछ ही क्षणों में तितर-बितर कर सकता है। इसलिए, बेहतर होगा कि आप उनसे अपनी बेटी के विवाह की बात करें।”

वायु देव का अस्वीकार

साधु ने पवन-देवता का आह्वान किया, और वे तुरंत परिवार के सामने प्रकट हुए। इससे पहले कि साधु उनसे कोई सार्थक वार्तालाप कर पाता, लड़की ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, “पिताजी! वे अत्यधिक चंचल हैं और कभी भी एक स्थान पर स्थिर नहीं रह सकते। पूरी जिंदगी वे मुझे इधर-उधर घुमाते रहेंगे। इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं उनसे भी विवाह नहीं करूंगी।”

बेटी की बातें सुनकर साधु को बहुत निराशा और थोड़ा क्रोध भी आया। किंतु अपने आपको संयत रखते हुए उन्होंने पवन-देवता से कहा, “कृपया मेरी बेटी के लिए एक और उपयुक्त वर सुझाएँ। वह रूपवती, प्रतिभाशाली और गुणवान है।”

पवन-देवता ने कहा, “पर्वत-देवता मुझसे कहीं अधिक शक्तिशाली हैं। वे मेरे मार्ग में अवरोध पैदा कर सकते हैं और मेरी दिशा बदल सकते हैं। वे वास्तव में अचल और विशाल हैं। बेहतर होगा कि आप उनके पास जाएँ और उनसे विवाह का प्रस्ताव रखें।”

पर्वत देव का अस्वीकार

मजबूर होकर साधु ने पर्वत-देवता का आह्वान किया। वे अपने चरणों तले पृथ्वी को हिलाते हुए साधु के सामने प्रकट हुए। साधु ने उनसे निवेदन किया कि वे उनकी पुत्री को अपनी जीवनसंगिनी के रूप में स्वीकार करें।

The Mountain-God put an appearance in front of the Hermit

लेकिन लड़की फिर चिल्ला पड़ी, “वह बहुत पथरीले, भारी और अत्यंत धीरे-धीरे चलने वाले हैं। मैं किसी भी हालत में उनसे विवाह नहीं करूंगी।”

यह सुनकर साधु स्वयं को विदीर्ण महसूस करने लगे। उनकी पत्नी भी कम निराश नहीं थीं। तब साधु ने पर्वत-देवता से अनुरोध किया, “कृपया मेरी सुंदर बेटी के लिए कोई उपयुक्त वर सुझाइए।”

पर्वत-देवता ने उत्तर दिया, “मुझे तो केवल चूहों से डर लगता है। वे मुझसे कहीं अधिक शक्तिशाली हैं, क्योंकि वे मेरे कठोर शरीर में सहजता से छेद कर सकते हैं और उसमें निवास कर सकते हैं।”

सच्चाई का उजागर होना

इसी समय एक बड़ा, स्वस्थ तथा सुंदर चूहा उधर से गुजर रहा था। लड़की उसे देखकर हर्ष से झूम उठी और उत्साहित होकर बोली, “पिता जी! मैं इसी चूहे से विवाह करूंगी। यह मेरे लिए सर्वाधिक उपयुक्त वर है।”

अपनी पुत्री की बात सुनकर साधु चकित रह गए। उन्होंने अपनी पत्नी से कहा, “सच्ची निष्ठा सदा अपनी मूल जाति के प्रति ही रहती है। सोलह वर्षों से अधिक मनुष्य रूप में रहने के बाद भी वह अपनी जाति को नहीं भूल सकी।”

Hermit and his Wife blesses The Mouse Couple

असली स्वभाव की वापसी

इसलिए, साधु ने अपनी रहस्यमय शक्ति का उपयोग करके अपनी बेटी को पुनः एक चुहिया में बदल दिया। दोनों चूहे साथ-साथ भाग गए और पास के एक बिल में जाकर खुशी-खुशी रहने लगे।

कहानी से सीख: किसी का असली स्वभाव कभी नहीं बदलता।

You can join my WhatsApp Channel by clicking the link here

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *