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The Wolf and the Stork: बच्चों के लिए हिंदी कहानी

एक दिन, एक भेड़िया अपना भोजन करने बैठा। वह बहुत भूखा था और भोजन लाजवाब था, इसलिए उसने स्वादिष्ट मांस जल्दी-जल्दी निगल लिया। खाते-खाते उसने इतनी लापरवाही दिखाई कि एक बड़ी हड्डी उसके गले में अटक गई।

भेड़िया के गले में हड्डी फंस गई और उसे बहुत दर्द हुआ। वह मुश्किल से बोल पा रहा था, लेकिन उसने वादा किया कि जो भी जानवर उसकी मदद करेगा, उसे इनाम मिलेगा। लेकिन ज्यादातर जानवर उससे डरते थे और उसकी मदद नहीं करना चाहते थे।
At last, a kind-hearted stork with a long, slender neck and a long bill, took pity on the wolf.
आख़िरकार, लंबी, पतली गर्दन और लंबी चोंच वाले दयालु सारस को भेड़िये पर दया आ गई। उसने उसे शांत बैठने के लिए कहा, जबकि उसने अपना बिल उसके गले से नीचे डाला और हड्डी बाहर निकाली।

जब उसने हड्डी निकाली, तो भेड़िये ने राहत की सांस ली, और सारस ने भेड़िये से अपना इनाम मांगा।
Stork with his long bill remove a large bone from the throat of the Wolf, thus, saving the life of the Wolf.
"चले जाओ और मूर्ख मत बनो," भेड़िये ने कहा। 

सारस ने जोर देकर कहा, "लेकिन आपने इनाम का वादा किया था।"

“बिल्कुल, मैंने किया,” भेड़िये ने कहा। “लेकिन क्या तुम्हें नहीं लगता कि जब तुम्हारा सिर मेरे मुँह के अंदर था तब  मैंने उसे न काटकर तुम्हें पहले ही अच्छा इनाम दे दिया था ?”

इतना कहने के बाद भेड़िये ख़ुशी से अपने रास्ते चला गया जबकि सारस उदास होकर देखता रहा।

कहानी का सार:- स्वार्थी और खतरनाक लोगों से मदद की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। जब आप ऐसे लोगों की मदद करते हैं, तो वे अक्सर आपकी भलाई की परवाह नहीं करते और आपको धोखा दे सकते हैं।

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